प्रेमाश्रम प्रेमचंद की प्रथम ग्रामीण कृति है जिसका प्रकाशन सन 1922 में हुआ। ‘प्रेमाश्रम’ भारत के तेज और गहरे होते हुए राष्ट्रीय संघर्षों की पृष्ठभूमि में लिखा गया उपन्यास है। गांधीजी के सत्याग्रह आन्दोलन की इस कथा पर विशिष्ट छाप है। हल जोतने वाले, बेगार करने वाले, प्लेग और सरकार का मुकाबला करने वाले किसान इसके नायक हैं। रौलेट एक्ट, पंजाब में सैनिक कानून और जलियांवाला बाग का दिन इसके कथानक की पृष्ठभूमि में है।
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